बुद्धिमान कौन है? क्या यह वही है जिसने कई किताबें पढ़ी हैं और हर सवाल का जवाब जानता है?
बाबा के शब्दों में, ‘ज्ञान का प्रमाण स्वतंत्रता है।’ अगर किसी जानवर को छल से फँसाया जा सकता है, तो यह बुद्धिमानी नहीं है। एक पक्षी या एक जानवर को बुद्धिमान माना जाएगा यदि वह सुरक्षित रह सकता है, अर्थात मुक्त रह सकता है।
इसलिए, यदि कोई व्यक्ति भौतिक दुनिया के इस जाल में नए बंधन, नए जुड़ाव बनाता है, तो वह बहुत बुद्धिमान नहीं है। यदि वह व्यसनों और वासना में फंसा है, तो उसके पास बहुत सारे ज्ञान, जानकारी और कई बुद्धिमान उत्तर हो सकते हैं, लेकिन उसे अज्ञानी माना जाएगा।
कैंब्रिज के एक पार्क में एक सीगल(समुद्री पक्षी) था जो एक कुत्ते के साथ खेल रहा था। सीगल एक सर्कल में उड़ रहा था और कुत्ता उसका पीछा कर रहा था। सीगल गोल-गोल घूम रहा था और कुत्ता भले ही थक गया हो, रुक नहीं सकता था लेकिन पक्षी के पीछे दौड़ता रहा। पक्षी की चतुराई यह थी कि उसने कुत्ते से पर्याप्त दूरी बनाए रखी। जब दूरी थी, तो सीगल आकाश के साथ खेल सकता था और कुत्ते के साथ भी खेल सकता था। यदि पक्षी कुत्ते के बहुत करीब आ जाता, तो वह निश्चित रूप से आकाश को खो देता और पृथ्वी को भी खो देता। उस पक्षी के लिए जीवन की पूरी धारणा या तो अधिक दर्द होगी या कम दर्द होगी, और यह सब कुत्ते पर निर्भर करता है।
इस ग्रह पर हमारे लिए यह एक संदेश है। दूरी बनाए रखें। यह वर्ल्ड वाइड वेब( दुनियावी जाल) बेहद खूबसूरत है लेकिन, इससे मुक्त रहें। कौनसी दूरी? एक अतिथि की दूरी। आत्मा यहाँ पृथ्वी पर सबके साथ एक अतिथि का रवैया बनाए रखती है। बाबा के शब्दों में, “मेहमान” (अतिथि) रहें और आप महान बनें।